लखीमपुर कांड में एक नया मोड़ । अजय मिश्रा “टेनी” के बेटे आशीष की ज़मानत पर उत्तर प्रदेश सरकार को एतराज। क्या मतलब है इसका? योगी सरकार केंद्रीय मंत्री टेनी को तेवर दिखा रही है? या टेनी के बहाने निशाना कहीं और है? आलोक जोशी के साथ शरत प्रधान, सिद्धार्थ कलहंस, ब्रजेश शुक्ला।
लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से रौंदने के मामले में अदालत ने कनिष्ठ केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा टेनी को राहत देने से कोर्ट ने क्यों इनकार किया? जानिए अदालत ने क्या कहा।
लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में जमानत रद्द होने के साथ ही आशीष मिश्रा की मुश्किलों में खासा इजाफा हो गया है। मिश्रा का अदालत के शिकंजे से बच पाना मुश्किल है।
आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। तमाम दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया।
आशीष मिश्रा के वकील ने कहा है कि वह इस मामले में फिर से हाई कोर्ट में अपील करेंगे और अनुरोध करेंगे कि जमानत के आदेश में धारा 302 और 120बी को भी जोड़ दिया जाए।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में थार एसयूवी मैं बैठे तीन लोगों की हत्या पर आंखें बंद नहीं कर सकती। जानिए, और क्या कहा अदालत ने?