दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में आज अचानक हनुमान जयंती पर शोभा यात्रा निकालने की अनुमति दे दी गई। हालांकि दिल्ली पुलिस ने पहले शोभा यात्रा निकालने की अऩुमति नहीं दी थी। बंगाल में हाईकोर्ट का निर्देश है कि राज्य में जहां धारा 144 लागू है, वहां शोभा यात्रा की अनुमति नहीं होगी। जहांगीरपुरी में पिछले साल हिंसा होने के बावजूद इस साल शोभा यात्रा को अनुमति दी गई है।
केंद्र सरकार ने हनुमान जयंती पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्यों को सतर्क किया है। बंगाल में धारा 144 लागू है। दिल्ली में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया है.
दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा को शाहीनबाग, सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन और उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों से जोड़ दिया है। उसने गुरुवार को कोर्ट में उस हिंसा की चार्जशीट पेश की है। इस चार्जशीट के सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं।
जहांगीरपुरी हिंसा में दिल्ली पुलिस को अदालत की फटकार लगी तो दिल्ली पुलिस ने एक और मास्टरमाइंड को पकड़ने का दावा पेश कर दिया। लेकिन दिल्ली पुलिस उन आरोपियों पर खामोश है, जिन्होंने अवैध शोभायात्रा निकाली और जिस पर उसे कोर्ट से फटकार मिली।
जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि वो पूरी तरह नाकाम साबित हुई। बिना अनुमति वहां शोभायात्रा कैसे निकलने दी गई।
बीते दिनों कई राज्यों में हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं इसी ओर इशारा करती हैं कि समाज से सहानुभूति को खत्म करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। भारत के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोला है। शरद पवार ने कोल्हापुर में कहा कि अमित शाह जहांगीरपुरी का दंगा रोकने में नाकाम रहे हैं।
दक्षिण दिल्ली की श्रीनिवासपुरी में अवैध रूप से बने नीलकंठ मंदिर को तोड़ने का मात्र नोटिस आने पर आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मारलेना वहां विरोध करने के लॆिए जा पहुंचीं, जबकि वो और उनकी पार्टी ेके लोग जहांगीरपुरी से गायब रहे।
प्रसिद्ध चिन्तक प्रताप भानु मेहता ने अपने हालिया लेख में इस बात पर चिन्ता जताई है कि धार्मिक जुलूसों की आड़ में देश किस तरफ बढ़ रहा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि साम्प्रदायिकता पर लिखना अब फिजूल बात हो गई है। वो चिन्तित हैं कि विचाराधारत्मक हिंसा का मुकाबला करने कोई सामने नहीं आ रहा है।
जहांगीरपुरी में बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर जब सवाल उठे तो आम आदमी पार्टी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों का राग क्यों अलापा? क्या अरविंद केजरीवाल की राजनीति भी हिंदुत्व की होकर रह गई है?