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साउथ दिल्ली में मंदिर टूटने का सिर्फ नोटिस आने पर जा पहुंचीं आतिशी मारलेना

दिल्ली की जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं। उसके बाद बीजेपी ने वहां अतिक्रमण हटवाने के नाम पर एमसीडी से बुलडोजर भेजने को कहा। अगली सुबह वहां बुलडोजर हाजिर थे। इन सारी घटनाओं के बीच आम आदमी पार्टी के नेता, दिल्ली सरकार के मंत्री कहीं नहीं थे। वे दाएं-बाएं से बयान दे रहे थे। साउथ दिल्ली की श्रीनिवासपुरी में नीलकंठ मंदिर तोड़ने का आदेश आया तो दिल्ली सरकार की मंत्री और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की खास आतिशी मारलेना मौके पर पहुंचीं और दुख जताया।   

महत्वपूर्ण यह है कि आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से उस प्रदर्शन का लाइव प्रसारण शनिवार को करीब 30 मिनट तक किया गया। जनता को बार-बार बताया जा रहा था कि नीलकंठ मंदिर को टूटने से बचाने के लिए इस प्रदर्शन का नेतृत्व आप की विधायक आतिशी कर रही हैं।

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आतिशी मारलेना ने अपने बयान में कहा कि लोग इसके बाद सदमे में हैं, उन्होंने अपना मन बना लिया है और इस मंदिर को टूटने नहीं देंगे। बीजेपी पैसे की लालसा को नहीं रोक पा रही है, मंदिरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक आप विधायक आतिशी ने श्रीनिवासपुरी नीलकंठ मंदिर को ध्वस्त करने के केंद्र के आदेश के विरोध के दौरान यह बात कही।

आतिशी ने कहा कि यह केंद्र सरकार का नोटिस है और बीजेपी लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है कि या तो पैसा दो वरना हम मंदिरों को गिरा देंगे। यह पूरी तरह अन्याय है, मंदिर आस्था का प्रतीक है और नोटिस देकर गिराना अनुचित।

जहांगीरपुरी में जब एमसीडी ने दंगों के बाद अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो उसने मुस्लिमों की दुकानों, रेहड़ियों को खासकर निशाना बनाया। वहां मस्जिद के गेट को अवैध बताते हुए तोड़ा गया। लेकिन मंदिर को छोड़ दिया गया है। आम आदमी पार्टी ने आज तक मस्जिद का गेट तोड़ने की निन्दा की है। श्रीनिवासपुरी में जिस नीलकंठ मंदिर को तोड़ने का आदेश केंद्र सरकार की ओर से भेजा गया है, वो भी अवैध निर्माण है। इस तरह दिल्ली में आम आदमी पार्टी का दो समुदायों को लेकर उसका दोहरा और बनावटी रुख जाहिर हो गया है। जहांगीरपुरी की हिंसा वाले दिन खुद केजरीवाल सुंदरकांड के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उसके बाद वो बेंगलुरु में रोड शो करने चले गए जबकि आतिशी मारलेना गुवाहाटी नगर निगम चुनाव में पार्टी का प्रचार करने चली गईं। अमानतुल्लाह खान के अलावा किसी आप नेता ने ट्वीट करके लोगों से हमदर्दी तक नहीं जताई।
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क़मर वहीद नक़वी
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