एक बार फिर रमज़ान जैसे पवित्र एवं इबादत के महीने में अफ़ग़ानिस्तान के मज़ार-ए-शरीफ़ शहर और कुंदुज़ शहर में मस्जिद के पास हुये बम धमाकों में 15 लोगों की मौत और 65 से अधिक गंभीर रूप से ज़ख़्मी हुये हैं। ख़बर है कि इन हमलों की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। हमलों के मास्टर माइंड आईएसआईएस का प्रमुख ऑपरेटिव अब्दुल हमीद संगयार नामक व्यक्ति को गिरफ़्तार भी किया गया है।
इस्लाम: हाफ़िज़ ख़ुदा तुम्हारा !
- विचार
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- 29 Mar, 2025

इस्लाम में रमज़ान का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। लेकिन दूसरी तरफ अफगानिस्तान की मस्जिदों में बम धमाके हो रहे हैं, जिनमें अनगिनत नमाज़ी मारे गए हैं। आखिर वो कौन मुसलमान हैं जो ऐसे कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। क्या उन्हें मुसलमान कहा जाना चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर पूरे विश्व का ध्यान अफ़ग़ानिस्तान की ओर आकर्षित किया है। इस घटना के मात्र दो दिन पूर्व ही काबुल के पास अब्दुल रहीम शाहिद हाई स्कूल में तीन धमाके हुए थे। इसमें छह लोगों की मौत की ख़बर आई थी और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुये थे। इसके पहले भी गत वर्ष 8 मई को राजधानी काबुल में एक स्कूल के पास एक बड़ा बम ब्लास्ट किया गया था। इस घटना में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी जबकि 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। उसके बाद 14 नवंबर 2021 को काबुल के ही एक शिया बाहुल्य क्षेत्र में बम ब्लास्ट हुआ जिसमें 6 लोगों की मौत हुई और 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुये। इस घटना के अगले ही दिन 15 नवंबर 2021 को कंधार प्रांत की एक मस्जिद में धमाका हुआ था जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 40 लोग घायल हो गए थे। अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के गत वर्ष पुनः जबरन क़ब्ज़ा करते ही काबुल के एयरपोर्ट के पास तीन धमाके हुए थे। इन धमाकों में भी 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी जबकि 120 से अधिक लोग घायल हुए थे।