पिछले दिनों संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह/सहकारिता मंत्री एवं राजभाषा समिति के अध्यक्ष अमित शाह ने हिंदी भाषा को अंग्रेज़ी भाषा के विकल्प के रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता जताई।

उन्होंने कहा कि हिंदी को स्थानीय भाषाओं के विकल्प के रूप में नहीं बल्कि अंग्रेज़ी भाषा के विकल्प के रूप में स्वीकार करना चाहिए। इसी दौरान शाह ने यह भी बताया कि अब कैबिनेट के एजेंडे का 70 प्रतिशत भाग हिंदी में तैयार किया जाता है।