जिन तालिबानों को अमेरिका 'अच्छे' और 'बुरे' दो अलग-अलग श्रेणी के तालिबान बताकर और अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने से पूर्व स्वयं तथाकथित 'अच्छे तालिबानों' से बातचीत करता रहा और अमेरिका के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ते ही अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता जिन तालिबानों के हाथ लगी, अब धीरे धीरे वही तालिबान अपने वास्तविक रूप में आकर यह प्रमाणित करने लगे हैं कि दरअसल तालिबानों में 'अच्छा तालिबानी' कोई नहीं। बल्कि सभी महिला विरोधी, मानवाधिकारों के दुश्मन, क्रूर तथा कट्टरपंथी अतिवादी विचारधारा रखने वाले एक ही तालिबानी हैं।