अफगानिस्तान में तालिबान के महिला विरोधी फैसलों के खिलाफ अकेली लड़की भी विरोध प्रदर्शन से पीछे नहीं हट रही। हाल ही में तालिबान शासकों ने लड़कियों को उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया है। मारवा नामक लड़की काबुल यूनिवर्सिटी के मेन गेट के सामने पोस्टर लेकर खड़ी हो गई। यह फोटो अब विश्वव्यापी वायरल हैः
अफगानिस्तान में यूनिवर्सिटी और कॉलेज छात्रों ने लड़कियों को हायर एजुकेशन से वंचित करने के विरोध में परीक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
अफगानिस्तान में तालिबानी हूकूमत ने अपने वादे और भरोसे के विपरीत जाकर एक और महिला विरोधी फैसला लिया है। वहां सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में लड़कियों का आना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसकी विश्वव्यापी निन्दा हो रही है।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान क्या देश को दशकों पीछे धकेल रहा है? आख़िर वह ऐसे दकियानूसी विचार क्यों थोप रहा है जो क्रूर, महिला विरोधी, मानवाधिकारों के ख़िलाफ़ है?
तालिबान के सत्ता में आते ही अफ़ग़ानिस्तान में जिन हालात का अंदेशा लगाया जा रहा था वह अब क्या सच साबित हो रहा है? क्या अफ़ग़ानिस्तान को दशकों पीछे धकेला जा रहा है?