शिवाजी महाराज पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान के क्या मायने हैं? आख़िर क्यों शिवाजी को 'पुराना आदर्श' कहा गया? जानिए शिवाजी के बारे में ऐसे कहने वाले लोग कौन।
भारतीय रेल आधुनिकीकरण, विकास तथा विस्तार के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन क्या पहले से मौजूद दिक्कतों को दूर किया जा रहा है? क्या उन समस्याओं के समाधान की कोई योजना है?
हिन्दुत्व की राजनीति बीजेपी का पेटेन्ट बन चुका है। अगर किसी अन्य पार्टी ने हिन्दुत्व की राजनीति करने की कोशिश की, उस ट्रैप में वो फंसी लेकिन उसे मामूली सफलता भी नहीं मिली। कांग्रेस का उदाहरण सामने है। वो भी इस ट्रैप में फंसी और अब उसे अपनी मूल विचारधारा पर लौटकर भारत जोड़ो यात्रा निकालनी पड़ रही है। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल भी उसी ट्रैप में फंस चुके हैं, जबकि आप किन उद्देश्यों के लिए बनी थी? तनवीर जाफरी ने इन्हीं सवालों के तह में जाने की कोशिश की हैः
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हेट स्पीच पर देश के नेताओं और राजनीतिक दलों को तमाम नसीहतें दी हैं। इससे पहले यूएन महासचिव गुटारेस भारत में आकर इसी मुद्दे पर नसीहत देकर गए थे। अंधे राष्ट्रवाद के दौर में क्या ऐसी नसीहतें देने वालों को भारत विरोधी साजिशकर्ता मान लिया जाए, इस लेख में यही सवाल तनवीर जाफरी पूछ रहे हैंः
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति की शुरुआत कहाँ से हुई थी? इस सवाल का जवाब इतिहास की किताबों में मेरठ दर्ज है, लेकिन एक दावा यह भी है किया जा रहा है कि इसकी शुरुआत अंबाला से हुई थी। जानिए क्या तर्क दिए गए हैं।
इस्लाम में रमज़ान का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। लेकिन दूसरी तरफ अफगानिस्तान की मस्जिदों में बम धमाके हो रहे हैं, जिनमें अनगिनत नमाज़ी मारे गए हैं। आखिर वो कौन मुसलमान हैं जो ऐसे कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। क्या उन्हें मुसलमान कहा जाना चाहिए।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान क्या देश को दशकों पीछे धकेल रहा है? आख़िर वह ऐसे दकियानूसी विचार क्यों थोप रहा है जो क्रूर, महिला विरोधी, मानवाधिकारों के ख़िलाफ़ है?
1869 में आज ही के दिन यानी 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। देश की आज़ादी में उनका अमूल्य योगदान रहा है, लेकिन इसके बावजूद उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है?
विकास के दावे करती रही बीजेपी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 'अब्बा जान, जिन्ना, जालीदार टोपी, पाकिस्तान’ जैसे शब्दों का प्रयोग क्यों कर रही है? यदि इसने काम किया है तो धर्म का इस्तेमाल क्यों?
कट्टरपंथी विचारधारा वाले शस्त्र धारण करने और मुसलमानों का नरसंहार करने को क्यों उकसा रहे हैं? और ऐसे उकसावे पर अल्पसंख्यक समुदाय के लिए क्या बेहतर होगा?
दुनिया भर के मुल्क़ों की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाए जाने की ज़रूरत है। इससे हालात बदलेंगे। प्रियंका गांधी का एलान इसी दिशा में एक बड़ा क़दम है।