जहांगीरपुरी साम्प्रदायिक हिंसा मामले में आरोपियों की धर पकड़ जारी है। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को बताया कि उसने इस मामले एक आरोपी को पश्चिम बंगाल से पकड़ा है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी मोस्ट वॉन्टेड श्रेणी में था। उसकी पहचान फरीद उर्फ नीतू के रूप में हुई है। जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कर रही है।
जहांगीरपुरी दंगों के मामले में पुलिस ने अभी तक सिर्फ समुदाय विशेष के ही लोगों की गिरफ्तारी की है। लेकिन 16 अप्रैल की शोभायात्रा में पिस्तौल, तलवारें, डंडे लहराने वालों को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस ने पहले कहा था कि शोभायात्रा बिना अनुमति निकाली गई थी। पुलिस ने उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपराध शाखा की कई टीमें पश्चिम बंगाल में आरोपियों को खोज रही हैं। आरोपी फरीद तमलुक गांव में अपनी चाची के घर में छिपा हुआ था। उसे वहीं से गिरफ्तार किया गया। अपराध शाखा के अधिकारी उसे फ्लाइट से लेकर दिल्ली आए हैं। सूत्रों का कहना है कि फरीद जहांगीरपुरी की हिंसा में बहुत सक्रिय था। 16 अप्रैल की घटना के बाद वो बंगाल भाग गया था। वहां भी वो बार-बार अपना ठिकाना बदल देेता था। इसलिए उसे तलाशने में खासी मशक्कत करना पड़ी। पुलिस के मुताबिक फरीद के खिलाफ डकैती, सेंधमारी, झपटमारी और आर्म्स एक्ट के 6-7 मामले दर्ज हैं। वो 2010 से जहांगीरपुरी का हिस्ट्रीशीटर है।
16 अप्रैल को हनुमान जयंती जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी में दो समुदायों में झड़प हुई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी और एक लोकल शख्स घायल हो गया था। मौके पर पथराव और आगजनी हुई। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
घटना के बाद पुलिस ने समुदाय विशेष के लोगों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां कीं। मुख्य आरोपी अंसार समेत पांच पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) लगाया गया। घटना के शुरूआती दिनों में पुलिस ने मीडिया के सवालों से बचने के लिए यह संकेत दिया था कि वो बिना किसी पूर्वाग्रह दूसरे पक्ष पर भी कार्रवाई कर रही है। लेकिन धीरे धीरे इस पर खामोशी छा गई। अब पुलिस से मीडिया भी सवाल नहीं कर रहा है कि बाक़ी आरोपियों के बारे में उसके पास क्या सूचना है। इस बीच इस मामले समुदाय विशेष के लोगों की धरपकड़ जारी है।
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