वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद के लिए चढ़ाया जाने वाला बनारसी लाल पेड़े पर अब गुजरात की कंपनी का कब्जा हो गया है। बनारस के लोकल हलवाई अपना सदियों पुराना लाल पेड़ा मंदिर परिसर में नहीं बेच सकते। गुजरात की कंपनी को सरकार का संरक्षण है। गुजरात की कंपनी ने कर्नाटक में लोकल प्रोडक्ट नंदिनी के साथ ऐसा करने की कोशिश की थी लेकिन वहां कांग्रेस के भारी विरोध के बाद गुजरात की कंपनी को अपने कदम वापस लेने पड़े थे। लेकिन बनारस के लोकल हलवाइयों के पेट पर गुजरात की कंपनी ने लात मार दिया है।
कर्नाटक में चुनाव से पहले अमूल का मुद्दा बना था और बीजेपी अच्छी-खासी मुश्किल में दिखी थी। क्या अब तमिलनाडु में भी अमूल बड़ा मुद्दा बनेगा? जानिए, आख़िर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अमित शाह के सामने क्या आपत्ति जताई है।
कर्नाटक चुनाव में नंदिनी बनाम अमूल के अलावा हिन्दी को भी मुद्दा बनाया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार मधुरेंद्र सिन्हा का कहना है कि वहां कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वो हिन्दी विरोध को मुद्दा बना रही है। हालांकि यह उनका अपना विचार है। कर्नाटक चुनाव में फिलहाल नंदिनी बनाम अमूल अभी भी बड़ा मुद्दा है।
गुजरात की जिस कंपनी अमूल ने कर्नाटक में अपने उत्पाद लॉन्च करने की घोषणा की और फिर राजनीतिक घमासान मचा उसको बीजेपी ने खारिज किया है। जानिए आख़िर क्यों कहा कि कांग्रेस ग़लत व झूठ फैला रही है।