प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को वितरित किए जाने वाले 'महाप्रसाद' पर गुजरात की कंपनी का नियंत्रण होने के बाद शहर विवाद खड़ा हो गया है। इस मंदिर में पहले लोकल बिजनेस के तहत स्थानी हलवाइयों का मशहूर पेड़ा या लड्डू प्रसाद के रूप में बिकता था। लेकिन अब आपको मंदिर कैंपस से गुजरात की ही कंपनी का प्रसाद खरीदना पड़ेगा। पिछले दिनों स्थानी हलवाइयों ने अपना प्रसाद बेचने की कोशिश की तो 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मंदिर ट्रस्ट ने सख्त निर्देश दिया है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अंदर सिर्फ गुजरात की कंपनी का ही प्रसाद बिकेगा। पुराने हलवाई की दुकान उजाड़ दी गई है और अब गुजरात की कंपनी का काउंटर वहां खुलवा दिया गया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में गुजरात की कंपनी का 'प्रसाद', लोकल हलवाई मक्खी मारेंगे
- देश
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- 29 Mar, 2025
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद के लिए चढ़ाया जाने वाला बनारसी लाल पेड़े पर अब गुजरात की कंपनी का कब्जा हो गया है। बनारस के लोकल हलवाई अपना सदियों पुराना लाल पेड़ा मंदिर परिसर में नहीं बेच सकते। गुजरात की कंपनी को सरकार का संरक्षण है। गुजरात की कंपनी ने कर्नाटक में लोकल प्रोडक्ट नंदिनी के साथ ऐसा करने की कोशिश की थी लेकिन वहां कांग्रेस के भारी विरोध के बाद गुजरात की कंपनी को अपने कदम वापस लेने पड़े थे। लेकिन बनारस के लोकल हलवाइयों के पेट पर गुजरात की कंपनी ने लात मार दिया है।
