वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद के लिए चढ़ाया जाने वाला बनारसी लाल पेड़े पर अब गुजरात की कंपनी का कब्जा हो गया है। बनारस के लोकल हलवाई अपना सदियों पुराना लाल पेड़ा मंदिर परिसर में नहीं बेच सकते। गुजरात की कंपनी को सरकार का संरक्षण है। गुजरात की कंपनी ने कर्नाटक में लोकल प्रोडक्ट नंदिनी के साथ ऐसा करने की कोशिश की थी लेकिन वहां कांग्रेस के भारी विरोध के बाद गुजरात की कंपनी को अपने कदम वापस लेने पड़े थे। लेकिन बनारस के लोकल हलवाइयों के पेट पर गुजरात की कंपनी ने लात मार दिया है।