यह झूठ नहीं है, सच है कि 'विकास' हुआ है। 2014 न आता और जो आए, वे न आते, तो 'विकास' न होता। किसी को शिकायत हो सकती है तो यही कि इधर 'विकास' ही विकास हुआ है और कुछ नहीं हुआ है। करने दो, शिकायत से क्या होता है? निवेदन करने से क्या होता है? जो होता है, भय और आतंक से होता है और उसका 'विकास' हुआ है। हिंदू - मुस्लिम का तो इतना अधिक 'विकास' हुआ है कि बीसवीं सदी को डर लगने लगा है कि कहीं इक्कीसवीं सदी उससे बाजी न मार ले जाए, उसे नीचा न देखना पड़ जाए!