“कुछ अजीब दिल्लगी है कि हमारे स्कूलों और कॉलेजों में जब कोई लड़का फेल हो जाता है, तो उसे इसकी यह सजा दी जाती है कि स्कूल से निकाल दिया जाता है, और जब अपने स्कूल ने निर्दयता से निकाल दिया, तो ऐसे निकाले हुए लड़कों को दूसरा स्कूल क्यों लेने लगा। इस प्रकार लड़के के लिए शिक्षा के द्वार चारों ओर से बंद हो जाते हैं। कितनी दयनीय परिस्थिति है।”