जीवन, भारतीय और विशेषकर हिंदू जीवन कतिपय संस्कारों के क्रम और उनकी योजना से बँधा है। उनका विधान करने का अधिकार ब्राह्मणों को ही है। ब्राह्मण की अनुशंसा के बिना मानो आपका जीवन वैध ही नहीं है। कह सकते हैं कि यह बात पुरानी हो गई।