गए हफ़्ते हमने क्षमा के भाव पर बात शुरू की थी। इस बीच काफ़ी कुछ हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने प्रशांत भूषण को बताया है कि अपनी ग़लती मान लेने से कोई छोटा नहीं हो जाता। इस प्रसंग में, जैसा भारत में हर प्रसंग में करने का रिवाज है, न्यायमूर्ति ने महात्मा गाँधी का सहारा लिया। कहा कि वह अक्सर क्षमा माँग लिया करते थे। दूसरों के लिए भी माफ़ी माँगते थे।