किसान आंदोलन के 22वें दिन 5 बड़ी घटनाएँ हुईं- सुप्रीम कोर्ट का किसान आंदोलन को क़ानूनी बताना, केंद्र सरकार से कृषि क़ानूनों को स्थगित करने की संभावना पूछना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दिल्ली विधानसभा के भीतर कृषि क़ानूनों को फाड़ डालना, कृषि मंत्री की ओर से किसानों के लिए 8 पन्नों का संदेश और धरना देते किसानों की मौत का सिलसिला जारी रहना। इनमें से हर एक घटना महत्वपूर्ण है और कृषि क़ानून व किसान आंदोलन पर सैद्धांतिक और सियासी टकराव का प्रतीक भी। यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट भी अपनी टिप्पणियों और हस्तक्षेप के साथ इस टकराव के बवंडर में डूबता-उतराता नज़र आ रहा है। मगर, किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया सनसनीखेज है।