तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि अदालतों में बैठे कुछ जज हर बात पर सीबीआई जाँच का आदेश दे देते हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायपालिका का एक छोटा सा हिस्सा मिनियन के समान हो गया है और हर मामले में सीबीआई जांच का आदेश दे रहा है।
अभिषेक पूर्व मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'मुझे यह कहते हुए शर्म आती है कि न्यायपालिका का एक बहुत छोटा हिस्सा मिनियन बन गया है। एक या दो लोग ऐसे काम कर रहे हैं। सभी नहीं, केवल एक प्रतिशत। वे हर मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे रहे हैं। वे हत्या की चल रही जाँच पर भी रोक लगाने का आदेश दे रहे हैं। क्या आपने कभी इस बारे में सुना है? आप हत्या की जांच पर रोक लगाने का आदेश नहीं दे सकते।'
अभिषेक बनर्जी ने यह साफ़ नहीं किया कि उन्होंने यह आरोप क्यों लगाया कि न्यायपालिका का एक हिस्सा इस तरह काम कर रहा था। लेकिन उनके इस बयान से समझा जा सकता है कि वह उन मामलों की तरफ़ इशारा कर रहे थे जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत सीबीआई द्वारा 272 मामलों की जांच की जा रही है। इनमें से अधिकांश मामलों में राजनीतिक हिंसा शामिल है। ये हिंसा टीएमसी के 2021 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने के बाद हुई हैं।
अभिषेक ने कहा, 'यदि आप मेरे द्वारा कही गई बातों के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं, तो आगे बढ़ें। मैं सच बोलने से नहीं हिचकिचाता। मैं टेलीविजन कैमरों के सामने एक हजार बार, दस हजार बार सच बोलूंगा।'
Our commitment is straight and simple.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) May 28, 2022
JUSTICE FOR ALL.
We will fight tooth and nail for your justice and ensure that everyone has access to all facilities that are being offered by the GoWB. pic.twitter.com/lY8jxmdJ4M
'बीजेपी के 2 सांसदों को जोड़कर केंद्र के उत्पीड़न का बदला लिया'
तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषके बनर्जी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने बीजेपी के दो सांसदों को टीएमसी में शामिल कराकर बदला ले लिया है।
अभिषेक ने कहा, '
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सीबीआई और ईडी का हमें धमकाने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। राज्य का अपमान करने के लिए उन्होंने मुझे पश्चिम बंगाल से संबंधित मामलों में दो बार दिल्ली बुलाया था। वे मुझे परेशान करने की कोशिश कर रहे थे। मैंने बीजेपी के दो सांसदों को अपनी पार्टी में शामिल करके उन्हें करारा जवाब देने का फ़ैसला किया।
अभिषेक बनर्जी, टीएमसी नेता
बता दें कि 22 मई को बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह रविवार को पार्टी को छोड़ कर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी में लौट गए। वह बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले 2019 में टीएमसी छोड़ दी थी और वह बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनसे पहले आसनसोल से सांसद रहे बाबुल सुप्रियो पिछले साल सितंबर में बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए।
अभिषेक बनर्जी ने दावा किया, 'अगर हम अपने दरवाजे खोल देते हैं, तो बंगाल में भाजपा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।' विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी पर कटाक्ष करते हुए अभिषेक ने दावा किया कि उन्होंने सीबीआई और ईडी से खुद को बचाने के लिए मेदिनीपुर की विरासत को बेच दिया।
उन्होंने कहा, 'एक व्यक्ति था जिसने सरकार और पार्टी के बीच एक बाधा के रूप में काम किया। मैं यहां उस बाधा को तोड़ने आया हूं। उस व्यक्ति ने ईडी और सीबीआई से खुद को बचाने के लिए अपनी आत्मा, विरासत और मेदिनीपुर की भावना को बेच दिया है।'
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अभिषेक बनर्जी पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने दावा किया कि न्यायपालिका पर उनकी टिप्पणियों से सत्तारूढ़ दल में घबराहट दिखाई देती है।
बीजेपी प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, 'टिप्पणियों से पता चलता है कि तृणमूल नेताओं के मन में न्यायपालिका के लिए कोई सम्मान नहीं है। इससे यह भी पता चलता है कि टीएमसी को डर है कि सीबीआई जाँच के कारण सच्चाई सामने आ सकती है।'
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