गीतांजलि श्री अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज़ जीतने वाली पहली भारतीय हैं। हिंदी गौरवान्वित है। उनका उपन्यास ‘रेत समाधि’ 2018 में प्रकाशित हुआ था और उसका अंग्रेजी अनुवाद डेज़ी रॉकवेल ने किया है।
‘रेत समाधि’ के बाद भारतीय साहित्य अब बनेगा विश्व साहित्य का अंग?
- साहित्य
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- 29 May, 2022

लेखिका गीतांजलि श्री का उपन्यास टूम ऑफ सैंड अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली हिंदी साहित्य की पहली कृति बन गई। जानिए, इस पुरस्कार से क्या होगा हिंदी साहित्य पर असर।
‘रेत समाधि’ भारत पाकिस्तान के बंटवारे के परिप्रेक्ष्य में लिखी गयी एक 80 वर्षीया महिला की कहानी है जो पति की मृत्यु के उपरान्त सरहद पार पाकिस्तान जाती है, और बंटवारे के समय के पुराने घाव और दुखों का सामना करके, उनको भरने की कोशिश करती है।
लेखिका जानी मानी अनुवादक हैं। अनेक साहित्यिक और सामाजिक पुस्तकों के अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं।