गीतांजलि श्री अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज़ जीतने वाली पहली भारतीय हैं। हिंदी गौरवान्वित है। उनका उपन्यास ‘रेत समाधि’ 2018 में प्रकाशित हुआ था और उसका अंग्रेजी अनुवाद डेज़ी रॉकवेल ने किया है।