#NabannaAbhijan
— Indian Doctor🇮🇳 (@Indian__doctor) August 27, 2024
Lathi charge by West Bengal Police after massive protest by student organization in support of #Kolkata's daughter
Is this democracy?
Is this not contempt of SC (in which SC allowed that silent protest cannot be stopped)#MedTwitter #medX #KolkataDoctorDeath pic.twitter.com/xI5xMiVpY9
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमें पुलिस ने क्यों पीटा? हमने कोई कानून नहीं तोड़ा। हम मृत डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग के लिए शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।" हालांकि महिला प्रदर्शनकारी इस बात पर चुप रही कि फिर पुलिस वाले इस प्रदर्शन में कैसे घायल हो रहे हैं। पुलिस ने कहा कि आंदोलनकारियों द्वारा कुछ स्थानों पर बैरिकेड तोड़ने और सुरक्षा कर्मियों पर हमला करने के बाद उन्होंने लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़ना शुरू किया।
हुगली के दोनों पार हावड़ा ब्रिज और साँतरागाछी युद्ध के मैदान में बदल गए क्योंकि राज्य सचिवालय तक पहुंचने के लिए बेताब प्रदर्शनकारियों को पानी की बौछारों, आंसू गैस के गोले और आंसू गैस के ग्रेनेड का सामना करना पड़ा। जिन प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे के साथ मार्च शुरू किया था, उन्होंने जल्द ही रेल पटरियों के किनारे पड़े पत्थर और ईंटें उठा लीं और पुलिस पर फेंक दीं। पथराव में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।
हावड़ा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं क्योंकि रैली ने हिंसक रूप ले लिया। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा “राज्य पुलिस और कलकत्ता पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर जबरदस्त अत्याचार शुरू कर दिया है। कॉलेज स्क्वायर और साँतरागाछी में प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। मैं पुलिस को चेतावनी दे रहा हूं. अगर वे तुरंत नहीं रुके तो हम बुधवार को बंगाल को ठप कर देंगे।”
The images of police highhandedness from Kolkata have angered every person who values democratic principles.
— Pratap Sarkar🇮🇳 (@pratapsarkar17) August 27, 2024
In Didi's West Bengal, to help rapists and criminals is valued but it's a crime to speak for women's safety. #nabanna pic.twitter.com/SDMW6iEtwD
फिलहाल कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारी और पुलिस चूहे-बिल्ली का खेल भी चला। पुलिस द्वारा पीछे धकेले गए प्रदर्शनकारी वापस घटनास्थल पर लौटे। हावड़ा में कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठे। साँतरागाछी में प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स पर चढ़ गए और उन्हें पानी की बौछारों का सामना करना पड़ा।
अपनी राय बतायें