मतदाताओं को वोट देने से रोकने, उन्हें प्रभावित करने, चुनाव एंजेट से मारपीट करने और चुनाव में धाँधली करने के आरोप-प्रत्यारोप के बीच पश्चिम बंगाल में भारी मतदान हुआ है। मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष कराने के लिए न कि केवल राज्यपाल और चुनाव आयोग से कहा, बल्कि मामला अदालत तक ले जाने की चेतावनी दी है। नंदीग्राम से बीजेपी उम्मीदवार ने समुदाय विशेष को निशाने पर लिया और यह भी कहा कि यह सब पाकिस्तानियों ने किया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के दूसरे चरण में शाम पाँच बजे तक 80 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया। उस समय तक पश्चिमी मेदिनीपुर में 80 प्रतिशत तो पूर्वी मेदिनीपुर में 79 प्रतिशत तक मतदान हो गया था। बाँकुड़ा में 78 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। नन्दीग्राम में 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।
चुनाव आयोग से शिकायत
ममता बनर्जी ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों पर भेदभाव करने, टीएमसी के समर्थकों को मतदान केंद्र पर जाने से रोकने और उन्हें प्रभावित करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की। उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे इस मामले को लेकर अदालत जाएंगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें चिंता सिर्फ नन्दीग्राम या खुद की नहीं, लोकतंत्र की है। उन्होंने कहा,
“
मैंने सुबह से 63 शिकायतें की हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।'
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
'पक्षपातपूर्ण रवैया'
ममता ने कहा कि 'दूसरे राज्यों के गुंडे आकर यहां पर बवाल पैदा कर रहे हैं।'
बता दें कि बता दें कि इसके पहले टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिखकर कहा था कि एनडीए-शासित राज्यों से सुरक्षा बलों को पश्चिम बंगाल के चुनावों में तैनाती के लिए न बुलाया जाए क्योंकि इन राज्यों से आने वाले सुरक्षाकर्मी पक्षपातपूर्ण स्थिति पैदा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल जगदीप धनकड़ को फ़ोन कर चुनाव में गड़बड़ी होने की शिकायत की। उन्होंने राज्यपाल से यह भी कहा कि वे राज्य के प्रमुख है, इसलिए उन्हें हस्तक्षेप कर स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए।
ममता बनर्जी ने राज्यपाल से केंद्रीय सुरक्षा बलों की भी शिकायत की और कहा कि उनके कहने के बावजूद सुरक्षा बलों के लोग कुछ नहीं कर रहे हैं।
धरने पर मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी इसके बाद बोयाल गाँव में ही धरने पर बैठ गईं। थोड़ी देर बाद ही वे वहाँ से हटीं।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने भी बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि 'बूथ नंबर- 6, 7, 49, 27, 162, 21, 26, 13, 262, 256, 163, 20 में बीजेपी कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ घुस गई थी और इन कार्यकर्ताओं ने ईवीएम को अपने कंट्रोल में लेने की कोशिश की और बूथ रिगिंग की कोशिश की।
'आचार संहिता का उल्लंघन'
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि मतदान के समय मोदी चुनाव रैली कैसे कर सकते हैं। इसके जरिए वे मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि नन्दीग्राम में उन्हें 90 प्रतिशत वोट मिलने जा रहा है और वे आराम से जीत रही हैं।
शुभेंदु : पाकिस्तानियों ने सब किया
लेकिन ममता बनर्जी को चुनौती देने वाले उनके पूर्व सहयोगी और बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि ममता बनर्जी हार रही हैं, उनका कहीं कोई जनाधार नहीं है। पहले उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण मतदान हो रहा है और उनकी जीत सुनिश्चित है, लेकिन बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि उनके समर्थकों को वोट डालने से रोका गया और उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की गई।
शुभेंदु अधिकारी के क़ाफ़िले पर हमला हुआ, उनकी गाड़ी पहले ही वहां से निकल गई थी, लेकिन पथराव की जद में दूसरी गाड़ियाँ आईं। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि एक ख़ास समुदाय को लोगों ने उन पर हमला किया है। फिर उन्होंने कहा, "यह सब काम पाकिस्तानियों का है।"
डेबरा से बीजेपी उम्मीदवार भारती घोष ने आरोप लगाया है कि नोवापाड़ा की बूथ संख्या 22 पर उन्हें रोका गया। वे पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके चुनाव एजेंट को अंदर जाने से रोका गया।
वोटरों को प्रभावित करने का आरोप
दूसरी ओर टीएमसी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भारती घोष ने मतदाताओं में पैसे बाँटे और उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की।
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केशपुर के बूथ नंबर 173 पर उनके एजेंट को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पीटा। एजेंट को अस्पताल ले जाया गया। बीजेपी नेता तन्मय घोष की गाड़ी से तोड़फोड़ का आरोप भी लगाया गया है।
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