पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अपने घरों को लौट रहे प्रवासियों की मौत होना छोटी और अलग घटना है और रेलवे को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। घोष के इस बयान पर विरोधी दलों के नेताओं ने कड़ी टिप्पणी की है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, घोष ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘कुछ दुर्भाग्यूपर्ण घटनाएं हुई हैं। लेकिन आप इसके लिए रेलवे को दोष नहीं दे सकते। रेलवे प्रवासियों को ले जाने के काम को अच्छे ढंग से कर रहा है। कुछ घटनाएं हुई हैं लेकिन वे इससे अलग हैं।’
घोष ने आगे कहा, ‘हमारे सामने उदाहरण हैं कि रेलवे ने किस तरह यात्रियों को ले जाने के लिए बेहतर काम किया है। कुछ छोटी घटनाएं हुई हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप रेलवे को बंद कर देंगे।’
घोष के इस बयान पर पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पीटीआई के मुताबिक़, तृणमूल सांसद सौगुता रॉय ने कहा, ‘प्रवासियों का पूरा मसला केंद्र सरकार के कोरोना संकट और लॉकडाउन को संभालने में किए गए कुप्रबंधन के कारण हुआ है। लोग मर रहे हैं और बीजेपी नेता इस तरह का अहंकार भरा व्यवहार कर रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं है।’
सीपीएम के पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के मुद्दे ने यह साबित कर दिया है कि मोदी सरकार लोगों की जान बचाने में फ़ेल रही है।
बीते कुछ दिनों में ट्रेनों में कई प्रवासियों की मौत होने की ख़बर आई है। प्रचंड गर्मी के बीच भूख-प्यास से बेहाल इन प्रवासियों ने ट्रेनों में ही दम तोड़ दिया। लेकिन प्रवासियों के लिए बीजेपी के अध्यक्ष का यह बयान दिखाता है कि वे उनके प्रति कितने असंवेदनशील हैं।
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