प्रवासी मज़दूरों की मौत का आँकड़ा नहीं होने की बात कहने के लिए विपक्ष की तीखी आलोचनाओं के बाद सरकार ने अब सफ़ाई दी है। इसने कहा है कि ऐसा आँकड़ा जुटाने के लिए ज़िलों में कोई मैकनिज़्म यानी तंत्र नहीं है।
क्या लॉकडाउन में अपने घर वापस जाने के दौरान मारे गए प्रवासी मज़दूरों के परिवार वालों को हर्जाना दिया गया है? केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों की मौत का आँकड़ा ही नहीं है तो हर्जाना देने का सवाल ही नहीं उठता है।
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यूपी के औरैया में ऐक्सीडेंट में एक साथ 24 प्रवासी मज़दूरों के मारे जाने की सूचना है और पंद्रह अस्पताल में जीवन मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे हैं , औरंगाबाद में सोलह मज़दूरों को मालगाड़ी द्वारा कुचल कर मार दिये जाने की दुर्घटना के तुरंत बाद यह हादसा हुआ है । इसके अलावा लाकडाउन की घोषणा के बाद विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में रोज़ाना तमाम मज़दूरों की बलि चढ़ रही है । देश स्तब्ध है कि उन्नीस हज़ार रेलों के रोज़ संचालन की क्षमता के बावजूद सरकार कुंभकर्ण हो चुकी है।
घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के ट्रक की उत्तर प्रदेश के औरेया में शनिवार सुबह दूसरे ट्रक से टक्कर हो गई। इसमें 24 मजदूरों की मौत हो गयी और 36 गंभीर रूप से घायल हो गए।
बीते 10 दिनों में ही उत्तर प्रदेश की सड़कों पर पैदल लौट रहे 40 से ज्यादा मजदूर मर चुके हैं जबकि इस दौरान कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा इसके आधे से भी कम है।
मध्य प्रदेश में आठ श्रमिकों की मौत की ख़बर आई है। मारे गये सभी आठ लोग यूपी के रहने वाले थे। इसमें से पाँच की तो ट्रक पलट जाने से मौत हो गई, जबकि तीन लोगों की पैदल चलते-चलते मौत हो गई।