औरंगाबाद के समीप मध्य प्रदेश के 16 मज़दूरों की रेल से कटकर मौत की ख़बर के कुछ घंटों बाद ही अब मध्य प्रदेश में आठ श्रमिकों की मौत की ख़बर आई है। श्रमिक अपने-अपने घरों को लौटते हुए मध्य प्रदेश में हादसों का शिकार हुए। मारे गये सभी आठ लोग यूपी के रहने वाले थे। इसमें से पाँच की तो ट्रक पलट जाने से मौत हो गई, जबकि तीन लोगों की पैदल चलते-चलते मौत हो गई।
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर ज़िले में आज तड़के हुई एक सड़क दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के पाँच श्रमिकों ने अपनी जानें गवाईं, जबकि 15 मज़दूर घायल हो गये। घायलों में दो की हालत बेहद चिंताजनक बताई जा रही है। गंभीर रूप से ज़ख्मी मज़दूरों को जबलपुर रेफ़र किया गया है। जानकारी के अनुसार, कुल 20 श्रमिक, आमों से भरे एक ट्रक में छिपकर हैदराबाद से उत्तर प्रदेश के लिए निकले थे। इन श्रमिकों में 11 को झाँसी और 9 को एटा जाना था। नेशनल हाइवे 44 पर मुंगवानी थाने के पास पाठा गाँव में ट्रक पलट गया।
ट्रक पलटते ही चीख-पुकार मच गई। ग्रामीण मौक़े पर पहुँचे। पुलिस को बुलाया गया। आमों के ढेरों में लहूलुहान श्रमिक भी मिले। जब तक इन्हें दुर्घटनाग्रस्त ट्रक और आमों के ढेर के बीच से निकाला जाता तब तक पाँच श्रमिकों ने मौक़े पर ही दम तोड़ दिया।
घायलों को नरसिंहपुर ज़िला अस्पताल ले जाया गया। कुछ की हालत गंभीर होने पर जबलपुर शिफ्ट किया गया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है और वह जाँच कर रही है।
एक मज़दूर में कोरोना के लक्षण
दुर्घटना में ज़ख्मी हुए एक श्रमिक में कोरोना के लक्षण मिलने से हड़कंप मच गया। लक्षण सामने आते ही उपचार करने वाले डाॅक्टर और स्वास्थ्य अमला, अतिरिक्त रूप से सतर्क हुआ। स्वास्थ्य टीम ने लक्षण नज़र आने वाले मज़दूर के साथ-साथ अन्य घायल श्रमिकों के नमूने लेकर जाँच के लिए भेज दिये हैं। ज़िला प्रशासन ने दुर्घटना की सूचना यूपी सरकार को दे दी है।
सेंधवा में तीन पैदल श्रमिकों ने तोड़ा दम
उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले तीन अन्य श्रमिकों ने मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले की सेंधवा तहसील सीमा बॉर्डर पर शनिवार को दम तोड़ा। तीनों श्रमिक महाराष्ट्र से यूपी के लिए पैदल निकले हुए थे। यूपी के सिद्धार्थ नगर निवासी मज़दूर वीरेन्द्र बहादुर रात साढ़े आठ बजे एक निजी अस्पताल के सामने बेहोश होकर गिर गए। अस्पताल ले जाने पर वीरेंद्र को मृत घोषित कर दिया गया।
बताया गया है कि सेंधवा की सीमा पर शनिवार को हुई तीन पैदल श्रमिकों की मौतों के ताज़ा मामलों के बाद इस तरह की अब तक कुल सात मौतें यहाँ दर्ज की जा चुकी हैं।
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