कोरोना महामारी को लेकर देश भर में लागू 'लाॅकडाउन-3' के बीच शराब बिक्री के राज्य सरकार के फ़ैसले पर बवाल मचा हुआ है। कोई छह सप्ताह बाद खुली शराब की दुकानों और ठेकों पर टूट रही लोगों की भीड़ ने कोरोना संक्रमण के ख़तरे को बढ़ा दिया है। ‘कोविड 19’ से जंग में जुटे स्थानीय अफ़सर बेहद चिंतित और परेशान हैं, लेकिन अपनी ही सरकारों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं दिखा पाये हैं। प्रतिकूल हालातों में मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले की युवा महिला कलेक्टर ने साहस दिखाते हुए ज़िले में शराब बेचने से इनकार कर दिया है।
मध्य प्रदेश: महिला कलेक्टर ने शराब बिक्री के सरकार के आदेश को पलटा
- मध्य प्रदेश
- |
- संजीव श्रीवास्तव
- |
- 8 May, 2020

संजीव श्रीवास्तव
शराब की दुकानों और ठेकों पर टूट रही लोगों की भीड़ ने कोरोना संक्रमण के ख़तरे को बढ़ा दिया है। मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले की युवा महिला कलेक्टर ने साहस दिखाते हुए ज़िले में शराब बेचने से इनकार कर दिया है।
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने 6 मई से शराब बिक्री की शुरुआत की है। राज्य सरकारों की आय और राजस्व जुटाने का बड़ा ज़रिया शराब भी है। इसी के मद्देनज़र मध्य प्रदेश सरकार ने भी ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन में शराब की दुकानें और ठेके खोलने की मंजूरी देने वाले आदेश जारी किए हैं। भोपाल, इंदौर और उज्जैन ज़िलों को छोड़कर कोरोना रेड ज़ोन वाले अन्य ज़िलों में भी कोरोना मुक्त एवं आंशिक प्रभावित क्षेत्रों और ‘कोरोना फ्री’ ग्रामीण इलाक़ों में भी शराब बेचे जाने का आदेश हुआ है।