जनतंत्र के लिए सबसे अच्छी खबर क्या है? यह कि जनता जाग्रत है। जनता की जागृति का पता कैसे चलता है? क्या चुनावों में उसकी भागीदारी से? लम्बे वक्त से हमें यही समझाया जाता रहा है। जनता या नागरिक होने का मतलब अपना वोट डालना है, इसका प्रचार सरकारें और राजनीतिक दल भी करते रहते हैं।
भारत में जनता का भाव कौन जीवित रखे हुए है?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 21 Feb, 2022

भारत में जनता का भाव कौन जीवित रखे हुए है? वे छात्राएँ जो रोज़ ब रोज़ अपने स्कूल और कॉलेज जा रही हैं और हिजाब की वजह से जिन्हें क्लास में घुसने नहीं दिया जा रहा है, फिर भी जो रोज़ाना वहाँ जा रही हैं और अपने हक़ का दावा पेश कर रही हैं और अदालत में भी अपने संवैधानिक अधिकार के लिए बहस कर रही हैं।
वे हमें बतलाते हैं कि आपका काम एक मतदान के बाद दूसरे मतदान के वक्त अपने मतदान-केंद्र तक आना है। एक बार आपने मतदान कर दिया फिर उसके आधार पर चुनी हुई सरकार बाकी काम करती रहेगी। आप फिर अपने काम से काम रखिए।
लेकिन वोट तो स्टालिन के रूस में भी डाले जाते थे। क्या स्टालिन काल के सोवियत संघ के लोगों में जनता-भाव था? नहीं था, यह नहीं कहा जा सकता लेकिन तकरीबन 70 साल का सोवियत संघ का इतिहास उसके दमन और पार्टी के द्वारा उसके अपहरण का इतिहास है।