कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर शीर्ष अदालत के जजों की अलग-अलग राय सामने आई है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने अपना फैसला सुनाया।
हिजाब पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार 8 सितंबर को सिख और इस्लाम पर जमकर बहस हुई। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने वकीलों के कई तर्कों को मानने से इनकार किया। मानले की सुनवाई अभी जारी है। अगली सुनवाई सोमवार को होगी। चुन्नी और हिजाब पर दोनों तरफ के तर्क को जरुर जानिए।
सुप्रीम कोर्ट में हिजाब पर सुनवाई सोमवार को हुई। इस मामले में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी। 5 सितंबर को क्या दलीलें पेश की गईं और अदालत ने क्या कहा, इसे इस रिपोर्ट से जानिए।
हिजाब को लेकर कर्नाटक में खासा विवाद हो चुका है। यह मामला हाई कोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। परीक्षा देने से रोकने के बाद क्या फिर यह मामला तूल पकड़ेगा?
कर्नाटक पुलिस ने राज्य के मंत्री ऐश्वप्पा के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन कार्रवाई होना मुश्किल है। शिकायतकर्ता ने पहले पुलिस को ही शिकायत दी थी, लेकिन तब पुलिस ने एफआईआर से मना कर दिया था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने विशेष अदालत में अर्जी दाखिल की। तब जाकर पुलिस ने अपने बचाव में मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
कर्नाटक में पहले हिजाब का विवाद उठा, फिर धार्मिक उत्सवों में मुसलिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाया गया और अब हलाल मांस पर विवाद है। चुनाव से पहले ऐसे विवाद क्यों?
हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद देश भर में इसके समर्थन व विरोध पर चर्चा हो रही है। लेकिन दुनिया के कई मुसलिम और यूरोपीय देशों ने हिजाब पर प्रतिबंध लगा रखा है।
हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। लेकिन यह जानना जरुरी है कि आखिर हाईकोर्ट ने किन आधारों पर राज्य सरकार के स्टैंड का समर्थन किया है।
हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को उन छात्राओं ने नामंजूर कर दिया है, जिन्होंने इसे चुनौती दी थी। अब हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक की एक अन्य छात्रा ने चुनौती दी है।