हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाली 5 छात्राओं ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से उन्हें निराशा हुई है। हमें हमारे मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। उड्डुपी की याचिकाकर्ता लड़कियों ने कहा कि हिजाब का मुद्दा, स्थानीय स्तर पर हल किया जाना चाहिए था, लेकिन अब वो राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग ले चुका है। बहरहाल, हम लोग इस वजह से कॉलेज नहीं छोड़ेंगे।



पिछले साल दिसंबर में सिर पर स्कार्फ को लेकर भड़के विवाद के बीच, इन लड़कियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें कहा गया था कि इस्लाम में हिजाब एक अनिवार्य प्रथा है जिसे संविधान के तहत संरक्षित किया गया है और ऐसा कोई कानून नहीं है जो शैक्षणिक संस्थानों में इसके उपयोग को प्रतिबंधित करता हो।