किसी की मृत्यु के बाद उसे कैसे याद किया जाए? ख़ासकर वैसे व्यक्ति की मृत्यु के बाद जो ऐसी सरकार का ख़ास हो जो अपनी मुसलमान विरोधी नीतियों के कारण ही जानी जाती है। जो व्यक्ति एक फ़ासिस्ट हुकूमत को चलाने में मुख्य भूमिका निभा रहा हो उसकी मृत्यु पर किस रूप में शोक मनाया जाए? जिसने अपनी बुद्धि एक फ़ासिस्ट नेता और पार्टी की सेवा को समर्पित कर दी हो उसके गुणों को कैसे खोजा जाए?
विवेक देबरॉयः फासिस्ट नीतियों का समर्थन करने वालों को आप किस तरह याद करेंगे
- वक़्त-बेवक़्त
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- 4 Nov, 2024

भारत में मरने के बाद उस नेता की आलोचना नहीं की जाती। सोचिए अगर हिटलर या मुसोलिनी भारत में मरे होते तो क्या होता। लेकिन हमारे संवाद का मुद्दा हिटलर या मुसोलिनी नहीं है। हमारा संवाद फ़ासिस्ट हुकूमत को चलाने में मुख्य भूमिका निभाने वाली शख्सियतों पर है।आखिर उनकी मृत्यु पर किस रूप में शोक मनाया जाए? इसी सवाल को टटोल रहे हैं स्तंभकार और जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद। जरूर पढ़िए और मुद्दों को परखिएः