इसमें कोई संदेह नहीं बचा रहना चाहिए कि भारत में आखिरी निबटारे की शुरुआत हो चुकी है। यह कितना लंबा और कितना यातनापूर्ण होगा, यह कहना कठिन है। लेकिन तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी के बाद भी इसकी गंभीरता से इनकार करने का मतलब है खुद को भुलावे में रखना। लेकिन यह आखिरी निबटारा क्या है?