पूरे देश में आग लग गई है। इस बार नौजवान सड़कों पर हैं। बदहवासी में सरकारी दफ़्तरों, रेल गाड़ियों पर अपना ग़ुस्सा उतारते हुए। तोड़ फोड़ और आगजनी करते हुए। पत्थर चलाते हुए। ये दृश्य देखकर सरकार और सरकार के पत्रकार सकते में हैं। ये सब अचानक कहाँ से निकल पड़े? ये इतने क्रुद्ध क्यों हैं? उससे भी पहले सवाल यह है कि ये हैं कौन? क्या इन्हें पत्थरबाज कहा जा सकता है? पत्थरबाज संज्ञा है या विशेषण?