‘चलिए हुकुम!’, पृथ्वीराज पर बनी फ़िल्म देखकर गृह मंत्री ने अपनी पत्नी को कहा। आम तौर पर कठोर मुख गृह मंत्री की यह विनोदपूर्ण छेड़ देखकर हिंदी के मीडियावाले निहाल हो गए। जिस समय गृह मंत्री इतिहास को हिंदू दिशा में मोड़नेवाली यह फ़िल्म देख रहे थे और उत्तर प्रदेश के सारे मंत्री और शासक दल के विधायक भी इतिहास को परास्त करनेवाली इस फ़िल्म का आनंद ले रहे थे, कश्मीर में पंडित परिवार किसी तरह अपनी जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में पलायन कर रहे थे। इस हिंदुत्ववादी इतिहास के बंधक पंडित इस राष्ट्रवादी राजनीति के लिए अपनी बलि देने को अब और तैयार नहीं।
बीजेपी की कश्मीर नीति साम्राज्यवादी हिंसा के तुष्टिकरण तक सीमित!
- वक़्त-बेवक़्त
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- 6 Jun, 2022

कश्मीरी पंडितों में जो समझदार हैं, वे पहले ही कह रहे थे कि जो बर्ताव कश्मीर के साथ और उसके मुसलमानों के साथ किया जा रहा है, वह किसी भी तरह कश्मीरी पंडितों के लिए शांति नहीं हासिल कर सकता। वे यह भी कह रहे थे कि बीजेपी के लिए कश्मीर एक ऐसी गाय है जो शेष भारत में उसे हिंदू वोट देती रहेगी।
अनुच्छेद 370 को हटाया जाना
क्या पंडितों के पलायन का यह दृश्य हिंदी मीडिया ने दिखलाया जैसे वह पृथ्वीराज के पराक्रम का प्रचार करने में लगा है? जहाँ तक पता है, उसने हिंदी या हिंदू जनता को इस सूचना से बचा लिया है क्योंकि यह उस हिंदू शासन की अजेय वीरता के आख्यान में छेद कर देगी जो 5 अगस्त , 2019 से गाया जा रहा है जिस दिन अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया था और जम्मू कश्मीर को तोड़कर उसका दर्जा राज्य से घटाकर केंद्र शासित प्रदेश का कर दिया गया था।
उस दिन और उसके बाद से हिंदू जनता में कश्मीर विजय के साम्राज्यवादी सुख का जो नशा रोज़ रोज़ डाला गया है, उसने उसकी चेतना हर ली है। वह यह देख पाने में असमर्थ है कि इस मूर्खतापूर्ण क़दम ने भारत के लिए एक स्थायी ख़तरा पैदा कर दिया है।