अगर आपकी तसवीरें पर्याप्त अच्छी नहीं हैं तो इसका मतलब यही है कि आप (चीज़ों के) पर्याप्त निकट नहीं हैं। (फ़ोटोग्राफर रॉबर्ट कापा)
हिंसा को ही जीवन बनाने वाले क्या दानिश की तसवीरों की अपील सुन पाएँगे?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 19 Jul, 2021

कोई भी सभ्य सत्ता इस रेखा का उल्लंघन करते हुए दीखना नहीं चाहती। तालिबान का यह वक्तव्य इसी का प्रमाण है कि घृणा, हिंसा, हत्या से परहेज न करते हुए भी अब चूँकि वे सत्ता की दावेदारी पेश कर रहे हैं और इसीलिए इस सभ्य संसार की इस न्यूनतम शर्त का वे सम्मान करते हैं, इस बात को वे रेखांकित कर रहे हैं। दानिश की मौत से खुद को दूर करने को उसपर अफ़सोस जतलाने की और कोई वजह नहीं।
दानिश सिद्दीकी अपनी तसवीरों के विषय के काफी करीब चले गए थे। जैसे वे अपने पूर्वज फ़ोटोग्राफर रॉबर्ट कापा को उत्तर दे रहे थे : मैं पर्याप्त करीब था। वे शायद कापा की उस चुनौती को भी याद कर रहे थे : युद्ध के संवाददाता के पास दाँव लगाने को अपनी ज़िंदगी होती है। या तो वह इस घोड़े पर उसे लगा दे या उस पर या आख़िरी मिनट में उसे अपनी जेब में डाल ले।
दानिश ने अपनी मौत से जवाब दिया कि मैंने अपनी ज़िंदगी को जेब में नहीं रख लिया था। उसे दाँव पर लगा दिया। मैं ज़िंदगी की सच्चाई के, जो कि यह जंग है, पर्याप्त करीब गया। जैसे तुम भी उसके कुछ अधिक ही करीब चले गए थे। कापा: जब तुम इंडोचाइना युद्ध के वक्त मैदान में थे और आगे बढ़ती फ़ौज की तसवीरें खींच रहे थे कि लैंड माईन पर पाँव पड़ने से विस्फोट में मारे गए।