दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के लिए चुनाव संपन्न हो गए हैं। लेकिन नतीजा नहीं आया अहि क्योंकि वोटों की गिनती दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के कारण रुकी हुई है। अदालत नाराज़ है कि छात्र संघ चुनाव धन और बाहुबल का खुला खेल बन गया है जबकि इसे जनतंत्र का जश्न होना चाहिए था। अदालत के सामने एक सामान्य नागरिक ने अर्ज़ी लगा कर शिकायत की थी कि चुनाव प्रचार के दौरान दीवारों को उम्मीदवारों के पोस्टरों से पाट दिया गया और सड़कों पर इनके नाम की पर्चियों से कई परतें बन गईं।
जेएनयू की तर्ज पर दिल्ली यूनिवर्सिटी में 'वे दोनों' छात्रसंघ का चुनाव क्यों नहीं लड़ते
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Mar, 2025

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के चुनाव का नतीजा रुका हुआ है। लेकिन इस बहाने छात्र राजनीति पर बात नहीं हो रही है। यह मौका था, जब इस पर बात होती। जेएनयू में भी छात्रसंघ के चुनाव होते रहे हैं। वहां भी वामपंथी छात्र संगठनों के अलावा एनएसयूआई और एबीवीपी सक्रिय रहते हैं। लेकिन जिस तरह का चुनाव जेएनयू में होता है, वैसा चुनाव यही दोनों छात्र संगठन यानी एबीवीपी और एनएययूआई दिल्ली यूनिवर्सिटी में क्यों नही लड़ते। स्तंभकार अपूर्वानंद दोनों विश्वविद्यालयों की छात्र राजनीति का अर्थ बता रहे हैं।