पश्चिम बंगाल के श्यामपुकुर विधान सभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संदीपन बिस्वास चुनाव प्रचार करते हुए वाम दलों के नेताओं के घर गए और उनसे अपने पक्ष में मतदान की प्रार्थना की। न तो नेताओं की ओर से उनका विरोध हुआ और न उनके पार्टी समर्थकों की ओर से। यह बंगाल के लिए इतनी अनहोनी घटना है कि ख़बर बन गई। लेकिन क्या यह सिर्फ़ बंगाल के लिए ही घटना है? क्या अन्य राज्यों में आप विरोधी दलों के बीच ऐसे सौहार्द की कल्पना कर सकते हैं?