कभी-कभी अनुपस्थिति उपस्थिति से अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है। यह भाग्य सबका नहीं कि वह न हो तो उसकी खोज होने लगे। भारत में एक के साथ है। वह गायब हो तो भी हाजिर रहता है।
पंजाब: गांधी की तसवीर की अनुपस्थिति के मायने!
- वक़्त-बेवक़्त
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- 21 Mar, 2022

आम आदमी पार्टी ने रणनीतिक दृष्टि से भगत सिंह का चुनाव पंजाब में किया, यह ठीक ही था। गाँधी पंजाब में किसी भावनात्मक रिश्ते के लिए सहायक नहीं हैं, भगत सिंह हैं। बाबा साहब भी दलित समुदाय से संबंध की स्थापना के लिए उपयोगी हैं।
जैसे गाँधी। एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार अनुपस्थिति के कारण। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के कमरे में उनके पीछे भगत सिंह और बाबा साहब आंबेडकर की तसवीरों को देखकर एक अनुपस्थित छवि की खोज की जा रही है। वह गाँधी की छवि है। 'आप' के समर्थक भी, जो इसे एक गाँधीवादी दल मानते हैं, दुखी हैं कि उसने गाँधी को हटा क्यों दिया।
दूसरे लोगों का कहना है कि गाँधी की कोई तसवीर मुख्यमंत्री कक्ष में थी ही नहीं, फिर हटाने का सवाल पैदा ही नहीं होता। कुछ लोग पैरवी कर रहे हैं कि इन दो के साथ गाँधी को भी लगा लीजिए। वैसे, यह बहस एक स्तर पर बेतुकी है और दूसरे लिहाज से दखें तो यह गाँधी के लिए सम्मानजनक भी नहीं है।