डॉ. बलबीर सिंह को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण महकमा दिया गया है। अभी तक यह मंत्रालय चेतन सिंह जोड़ामाजरा के पास था। जोड़ामाजरा को फौजा सिंह सरारी के सभी मंत्रालय दे दिए गए हैं।
पंजाबी दैनिक अजीत और अजीत समाचार को मिलने वाले सरकारी विज्ञापन बंद करने के बाद 'पंजाबी ट्रिब्यून' के साथ भी भगवंत मान सरकार ने ऐसा ही किया है। क्या ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि इन्होंने मान सरकार को सच का आईना दिखाया है।
क्या पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार केंद्र की भाजपा सरकार की लाइन पर चल रही है। सरकार ने क्यों पंजाबी दैनिक अजीत और अजीत समाचार को मिलने वाले सरकारी विज्ञापन बंद कर दिए हैं?
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और भगवंत मान सरकार के बीच चल रहे टकराव के बाद सवाल यह खड़ा होता है कि देश में जहां-जहां पर विपक्षी दलों की सरकारें हैं वहां के राज्यपालों की सरकार के साथ तनातनी क्यों रहती है।
भगवंत मान सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा है। इस पर 3 अक्टूबर को वोटिंग होगी। सरकार को विश्वास प्रस्ताव लाने की जरूरत क्यों पड़ी।
आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले तमाम बड़े वादे किए थे लेकिन कर्ज में डूबे पंजाब में उन सभी वादों को पूरा करना क्या भगवंत मान सरकार के लिए आसान होगा?
विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वह पंजाब के हकों की लड़ाई लड़ेंगे और उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का वक्त मांगा है।