नए साल की अगवानी के लिए मेरे पास क्या है? वह क्या है जो 2023 से लेकर मैं 2024 की अभ्यर्थना करूँ? भारत और विश्व के वर्तमान और भविष्य के लिए आशंका से काँपता हुआ ह्रदय भर? या अपेक्षाविहीन, आशाहीन न्यायबोध जो साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को वह साहस देता है कि वे राज्य सत्ता के समक्ष, जो अन्याय से संयुक्त है, एकाकी प्रतिवाद दर्ज करा सकें? यह जानते हुए कि न सिर्फ़ उनका प्रतिवाद एकाकी होने को अभिशप्त है बल्कि न्याय की उनकी माँग की चारों तरफ़ से खिल्ली भी उड़ाई जाएगी? उनपर लानतें भेजी जाएँगी और पत्थर फेंके जाएँगे जब वे इंसाफ़ की अपनी माँग के साथ सड़क पर निकलेंगी?
नये साल में हिंसा की राजनीति का सामना कैसे करें?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 1 Jan, 2024

नए साल का आग़ाज़ हो चुका है। इस हंगामाखेज़ दौर में प्रतिरोध एक चुनौती है। लेकिन अहिंसक संघर्ष इसका पुरजोर जवाब है। स्तंभकार और जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद दो उदाहरणों से प्रतिरोध का तरीका बता रहे हैं कि आप हिंसा का मुकाबला इस नए साल में कैसे कर सकते हैं। इस लेख को जरूर पढ़िएः