साल 2023 हिंसा के प्रति बढ़ती मोहब्बत के लिए याद किया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग बता रहे हैं कि किस तरह हमारे सत्ता प्रतिष्ठान के हिंसा के अचूक फॉर्मूले को बॉलीवुड ने भुनाया है। क्या कहना चाहते हैं देश के वरिष्ठ पत्रकार, जानिएः
नए साल का आग़ाज़ हो चुका है। इस हंगामाखेज़ दौर में प्रतिरोध एक चुनौती है। लेकिन अहिंसक संघर्ष इसका पुरजोर जवाब है। स्तंभकार और जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद दो उदाहरणों से प्रतिरोध का तरीका बता रहे हैं कि आप हिंसा का मुकाबला इस नए साल में कैसे कर सकते हैं। इस लेख को जरूर पढ़िएः