नए साल का आग़ाज़ हो चुका है। इस हंगामाखेज़ दौर में प्रतिरोध एक चुनौती है। लेकिन अहिंसक संघर्ष इसका पुरजोर जवाब है। स्तंभकार और जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद दो उदाहरणों से प्रतिरोध का तरीका बता रहे हैं कि आप हिंसा का मुकाबला इस नए साल में कैसे कर सकते हैं। इस लेख को जरूर पढ़िएः
गजा में इजरायली सैन्य बलों द्वारा कथित तौर पर 11 फिलिस्तीनियों की हत्या की खबरों के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार कार्यालय ने इस संभावित युद्ध अपराध की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को संसद में स्पष्ट किया है कि उन्होंने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के सवाल वाले किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
अमेरिका के मंत्री ब्लिंकेन से जब यह सवाल ‘अल जज़ीरा’ के संवाददाता ने किया कि आख़िर इन 3 हफ़्तों में इज़राइल ने क्या हासिल किया है तो वह जवाब क्यों न दे सके? जानें हमास पर हमले की असल वजह।
गजा में युद्ध रोकने के लिए अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी आह्वान किया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गाजा में इजरायल के युद्ध में मानवीय "विराम" के लिए समर्थन व्यक्त किया है।
इजराइल ने दो दिन में दूसरी बार गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया है। बुधवार को हुआ यह हमला इजरायली जेट विमानों द्वारा शिविर पर मंगलवार को किये गये हमले के एक दिन बाद फिर हुआ है।
समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के कुछ मुस्लिम अमेरिकियों और डेमोक्रेटिक पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने गजा में युद्ध विराम की मांग की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इज़रायल-हमास युद्ध में संघर्ष विराम की मांग करने वाले सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को मिडटाउन मैनहट्टन में ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल पर विरोध प्रदर्शन किया है।
अब कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वह हमास के खिलाफ इस जंग में इजरायल को फिलिस्तीन के आम लोगों की हत्या करने का अधिकार नहीं दे।
कांग्रेस ने कहा है कि, अपने स्वयं के संप्रभु राज्य में गरिमा, आत्म-सम्मान और समानता के जीवन के लिए फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाएं लंबे समय से चली आ रही हैं और पूरी तरह से वैध हैं।
हमास-इज़राइल संघर्ष के तुरंत बाद भारत के रुख पर सवाल पूछा जा रहा था कि क्या फिलीस्तीन पर भारत का रवैया बदल गया है? जानिए, अब खुद प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा है।