कार्ल वॉन क्लाउज़विट्स (1 जून 1780 –16 नवम्बर 1831) जर्मनी (प्रुशिया) के सेनानायक, सैन्य-सिद्धान्तकार तथा रचनाकार थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में युद्ध के मनोवैज्ञानिक तथा राजनैतिक पक्ष को उभारा। 'ऑन वार' उनकी प्रसिद्ध रचना है जो 1832 में उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित हुई। 'ऑन वॉर' में क्लाउज़विट्स युद्ध में राष्ट्र की राजनीति द्वारा निभाई जाने वाली केंद्रीय भूमिका पर ध्यान आकर्षण करते हैं। युद्ध शुरू करने में राष्ट्र की राजनीति का विश्लेषण करते हुए, क्लाउज़विट्स मानते हैं कि युद्ध अपने-आपमें किसी भी राष्ट्र का एकमात्र लक्ष्य नहीं हो सकता, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक साधन है। वह मानते हैं कि "राजनीतिक लक्ष्य हासिल करना सिर्फ़ सरकार का काम है।" हालांकि क्लाउज़विट्स यह भी मानते हैं कि युद्ध में जाने का नीतिगत निर्णय विशेष रूप से सरकार द्वारा लिया जाता है, उन्होंने सुझाव दिया कि इस सरकारी ताक़त को युद्ध में इस्तेमाल करने की इच्छा को पूरी तरह से नहीं तो कम से कम आंशिक रूप से नियंत्रित किया जाना चाहिए। वे कहते हैं, ‘युद्ध कोई खेल नहीं है; यह केवल साहस दिखाने और जीतने का आनंद लेने के लिए नहीं है, गैर-ज़िम्मेदार उत्साही लोगों के लिए युद्ध में कोई जगह नहीं है।’
बंधकों को छुड़ाने के लिए अब क्या करेगा इज़राइल?
- विश्लेषण
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- 29 Oct, 2023

हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी नागरिकों की रिहाई कराने के लिए इज़राइल के पास क्या कोई योजना है? हमास के पास क्या विकल्प हैं?
क्लाउज़विट्स युद्ध की क्रूरता को जानते थे इसलिए वह सरकारों को लापरवाही से युद्ध में प्रवेश करने से भी सावधान करते हैं। युद्ध अज्ञात संस्थाओं के विरुद्ध नहीं, बल्कि जीवित लोगों द्वारा जीवित लोगों के विरुद्ध लड़े जाते हैं: ''युद्ध किसी एक निर्जीव वस्तु जैसे कि ज़मीन के टुकड़े पर एक जीवित शक्ति की कार्रवाई नहीं है, बल्कि हमेशा दो जीवित शक्तियों का टकराव है।" इस गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए, क्लाउज़विट्स युद्ध में शामिल नहीं हुए देशों के साझा प्रयासों को राज्यों की युद्ध में क्रूरता को कम करने का एकमात्र तरीका मानते हैं जिससे युद्ध में भाग नहीं लेने वाले नागरिकों की रक्षा हो सके।