क्या दुनिया युद्ध से मोक्ष पा सकती है? क्या दुनिया के पास युद्ध के तर्पण की कोई विधि है? जबाब मिलेगा शायद नहीं। अगर ऐसा कुछ होता तो धरती पर युद्ध होते ही नहीं। युद्ध को लेकर एक और तथ्य काबिले गौर ये है कि युद्ध के समय युद्धरत देश के राजा और प्रजा का रिश्ता भी एक जैसा होता है। यदि नेतृत्व कमजोर है तो युद्ध अवश्यम्भावी हो जाता है और यदि नेतृत्व मजबूत है तो न युद्ध होता है और न वाक्युद्ध। वाक्युद्ध को 'शीतयुद्ध' भी कहते हैं। फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच युद्ध का कोई पहला मामला नहीं है। इज़राइल भी भारत की तरह अपनी आजादी का अमृतकाल मना रहा है किन्तु उसे यहां तक आते-आते लगातार युद्धों का सामना करना पड़ा है।

क्या सरकार के पास यह दुविधा है कि उसे फिलीस्तीन के साथ खड़ा होना चाहिए या इज़राइल के साथ? पीएम मोदी इज़राइल को समर्थन की बात कहते रहे हैं तो फिर विदेश मंत्रालय ने अब फिलीस्तीन के पक्ष में बयान क्यों दिया?
इज़राइल अपने पड़ोसी देश के साथ 10 युद्ध लड़ चुका है। ये ग्यारहवाँ युद्ध है और शायद अब तक का सबसे ज्यादा विनाशकारी भी। इस विनाशकारी युद्ध में दोनों पक्षों के हजारों नागरिक मारे जा चुके हैं। ये सिलसिला थमने में कितना वक्त और लगेगा, ये कोई नहीं जानता। इजराइल के मौजूदा प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यकाल का शायद ये चौथा युद्ध है।