शरजील ज़्यादा ख़तरनाक है या कन्हैया? क्या आप शरजील के साथ हैं? यह प्रश्न आज के शासक दल के नेताओं और उनके अनुयायियों ने प्रतिपक्षी राजनीतिक दलों और बेचारे उदारवादियों से पिछले दस दिनों में कई बार किया है। एक राजनीतिक दल, शिव सेना ने माना है कि शरजील कन्हैया से अधिक ख़तरनाक है। बिहार के मुख्यमंत्री का कहना है कि कुछ भी हो, देश को तोड़ने की बात अस्वीकार्य है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को चुनौती दे डाली थी कि वह अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं हुआ है! इस चुनौती के अगले दिन पुलिस के दावे के मुताबिक़, उसने शरजील को बिहार में जहानाबाद से गिरफ़्तार किया और शरजील के दोस्तों के अनुसार उसने ख़ुद आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। तो क्या इस फुर्तीली कार्रवाई के लिए पुलिस को बधाई न दी जाए।