लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया जाना आज के भारत के तर्क से उचित ही है। यह उक्ति प्रसिद्ध है कि मनुष्य अपने देवता अपनी शक्ल में गढ़ते हैं। इसे बदल कर यह भी कहा जा सकता है कि वे अपने नायक या अपने आदर्श भी वैसे ही चुनते हैं जैसे वे ख़ुद हैं। या यह कहना अधिक उचित होगा, जैसे वे बना दिए गए हैं।