जो बाइडन अमेरिका के नए चुने हुए राष्ट्रपति हैं और कमला हैरिस नई चुनी हुईं उपराष्ट्रपति। बाइडन ने चुनाव के बाद अपने पहले वक्तव्य में कहा, “हमें अमेरिका की आत्मा का पुनर्वास करना है।” उन्होंने कटुतापूर्ण वाद-विवाद को पीछे छोड़कर समाज में समन्वय स्थापित करने का आह्वान किया है।
बाइडन की जीत, क्या अमेरिका ने खुद को बचा लिया?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 13 Nov, 2020

अमेरिका के प्रतिष्ठित टेलीविज़न चैनलों पर हमने श्वेत और अश्वेत पत्रकारों और विश्लेषकों को निःसंकोच रोते हुए देखा। उन्होंने निष्पक्षता का ढोंग नहीं रचा जो हमारे पत्रकार और बौद्धिक पालते हैं और खुद को “अंपायर” समझकर दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखने की कवायद करते हैं। अमेरिकियों ने साफ कहा कि पक्ष तो एक ही है जो सारे सभ्य लोगों का हो सकता है। वह है- सत्य और सद्भाव का पक्ष।
बाइडन ने कहा कि जो हारे हैं वे भी अमेरिकी हैं। किसी और मौके पर यह सब कुछ बहुत ही घिसा-पिटा लगता लेकिन चुनाव नतीजों के बाद इस वक्तव्य को सुनते हुए रोने वालों की संख्या कम न थी। बर्नी सैंडर्स ने भी इसे अब तक के अमेरिकी इतिहास का सबसे अहम चुनाव बताया क्योंकि इस बार जनतंत्र का भविष्य और कानून का राज ही दाँव पर लगे हुए थे।