दीवाली की रात और उसकी अगली सुबह दिल्ली में वायु की गुणवत्ता भीषण रूप से बुरी बताई गई। उस रात दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों से पिछले साल के मुक़ाबले कहीं आधिक उत्साह के साथ पटाखे छोड़ने की ख़बरें आईं। उत्साह से अधिक ठीक इसे प्रतिशोध कहना होगा। लेकिन क्या यह अपने आप से ही तो 'बदला' नहीं लिया जा रहा था!