ऐश्वर्या रेड्डी की आत्महत्या के बाद शुरू हुई बहस, कितनी ही यंत्रणादायक हो, क्षणिक होकर न रह जाए, यह आशा की जानी चाहिए। और यह कि वह सतही भर भी न हो। तेलंगाना से दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ने आई ऐश्वर्या को कॉलेज से दूर अपने घर में आत्महत्या ही उस विषम स्थिति से निकलने का रास्ता मालूम पड़ा जो शिक्षा ने उसके लिए पैदा कर दी थी। आत्महत्या के पहले ऐश्वर्या ने लिखा कि वह बिना शिक्षा के जीवित नहीं रह सकती लेकिन शिक्षा उसके परिवार के लिए, उसके लिए एक बोझ बन गई थी। 19 साल की उस किशोरी के इस बोझ को ढोते जाना और मुमकिन नहीं रह गया था। इसलिए उसने आत्महत्या का निर्णय किया।