संबलपुर से लौट रहा हूँ या झारसुगुड़ा से? या ओडिशा से? ओडिशा यह ज़रूर है लेकिन यह वह ओडिशा नहीं जो भुवनेश्वर, पुरी या कटक में आपको मिलता है। यहाँ आप ओड़िया में नहीं संबलपुरी भाषा में ही बात कर सकते हैं।
भाषा और विचार के संघर्ष की जमीन अभी बची है
- वक़्त-बेवक़्त
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- 11 Jul, 2022

अपराध को अपराध कहना, अपराधी को अपराधी कहना, बोलते समय संतुलन बनाए रखने की क़वायद न करना यह बोलने की स्वतंत्रता का प्रमाण है। ऐसा करने में हिचक हो तो इसका अर्थ यही है कि श्रोता या पाठक समुदाय में उस अपराध और अपराधी के पक्षधर हैं जिनके दुखी या नाराज़ होने का ख़तरा बोलने या लिखनेवाला उठाए या नहीं, इसका निर्णय उसे लेना होता है।
झारसुगुड़ा हवाई अड्डे से शहर होते हुए संबलपुर की सड़क पकड़ते वक्त आप जगह-जगह विश्रामरत रथों को देखते हैं। एक मंज़िला रथ जिन पर दोनों तरफ से सीढ़ी चढ़कर आप फूलों से सज्जित पहले तल पर जाकर कमरे में बलभद्र, सुभद्रा, जगन्नाथजी के दर्शन कर सकते हैं।