‘इस देश का भविष्य क्या होगा? आप सब नौजवान हैं। आप अपने बच्चों के लिए किस क़िस्म का मुल्क छोड़कर जाना चाहेंगे? यह फ़ैसला करना होगा? एक तो यह सड़कों पर होगा, हम सब सड़कों पर हैं। लेकिन सड़कों से भी आगे एक और जगह है जहाँ यह सब कुछ तय होगा। वह कौन सी जगह है जहाँ आख़िरकार इस संघर्ष का निर्णय होगा? वह हमारे दिलों में है, आपके दिलों में। हमें जवाब देना होगा। वे हमारे दिलों को नफ़रत से मार डालना चाहते हैं। अगर हम भी नफ़रत से जवाब देंगे तो वह और गहरी ही होगी।’
दिल्ली दंगों की चार्जशीट में हर्ष मंदर का नाम: क्या जनतांत्रिक संवेदना को मार दिया गया है?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 15 Jun, 2020

दिल्ली दंगों की चार्जशीट में साज़िशकर्ता के रूप में हर्ष मंदर का नाम जोड़ना एक प्रयोग है, एक जाँच है कि क्या अभी भी इस देश में जनतांत्रिक संवदेनातंत्र ज़िंदा है या मार डाला गया? बता रहे हैं लेखक अपूर्वानंद।