हैदराबाद में एक मुसलमान युवती आशरीन से शादी करने के कारण उसके भाई के द्वारा पी नागराजु की हत्या पर विरोध जताने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन ने बंगलोर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें क्षोभ किस बात का था? क्या एक औरत और एक पुरुष के अपनी मर्जी से विवाह के फ़ैसले के कारण औरत के परिवारवालों द्वारा की गई हिंसा पर? या सिर्फ़ एक हिंदू के मारे जाने पर? यह प्रश्न इस वक़्त अरुचिकर जान पड़ सकता है लेकिन पूछा जाना आवश्यक है।
नागराजु की हत्या मुसलमान विरोधी घृणा की नई वजह नहीं बननी चाहिए
- वक़्त-बेवक़्त
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- 9 May, 2022

नागराजु वाली इस घटना के सहारे मुसलमान समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत और हिंसा को किसी भी तरह जायज़ नहीं ठहराया जा सकता। इससे हमारा ध्यान उस सामूहिक और भारत व्यापी हिंसा से हट नहीं जाना चाहिए जो मुसलमानों के ख़िलाफ़ की जा रही है।
यह इसलिए कि आर एस एस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनता पार्टी ने अपने शासनवाले प्रदेशों में ऐसे क़ानून पारित किए हैं जिनमें ऐसे विवाह या संबंध अपराध बन जाते हैं। ख़ासकर जब पुरुष मुसलमान हो। मान लिया जाता है कि अगर पुरुष मुसलमान है। तो विवाह के लिए उसने ज़रूर लड़की या औरत को धोखा दिया होगा। इसे उन दोनों का आपसी निर्णय नहीं माना जाता। अश्लील तरीक़े से उसे ‘लव जिहाद’ कहकर मुसलमानों के संगठित षड्यंत्र का हिस्सा बतलाया जाता है। और एक ऐसे रिश्ते के चलते पूरे मुसलमान समुदाय पर हिंसा को उचित ठहराया जाता है।